National ISRO ने "स्क्रैमजेट' टेक्नोलॉजी का किया यूज, प्रक्षेपण खर्च में आएगी कमी
बेंगलुरु : देश में पहली बार रियूज राॅकेट टेक्नोलॉजी (स्क्रैमजेट) का सफल टेस्ट इसरो के द्वारा किया गया है। इससे सेटेलाइट्स लांचिंग के खर्च में काफी कमी आ जाएगी। छह सेकेंड की टेस्टिंग के बाद इसरो इस टेक्लोनॉजी में दुनिया का चौथा देश बन गया है। आंध्र प्रदेश के सतीश धवन अनुसंधान केंद्र, श्रीहरिकोटा में इसकी टेस्टिंग हुई। रविवार सुबह 6 बजे 3 टन वजन के साउंडिंग रॉकेट आरएच-560 सुपरसोनिक कम्बशन रैमजेट ने उड़ान भरी। छह सेकेंड के लिए ही सफल टेस्ट हुआ। इस टेक्नाेलाॅजी से फ्यूल में आॅक्सीडायजर की मात्रा को कम किया जा सकेगा।
इसरो के चेयरमैन ने इसे एक बड़ी कामयाबी बताया है। इसकी टेस्टिंग पहले 28 जुलाई को होनी थी। 22 जुलाई को वायुसेना का कार्गो विमान एएच-32 लापता हो गया था। उसकी तलाश में इसरो के जुटने के कारण इसकी टेस्टिंग टालनी पड़ी थी।
इसरो के चेयरमैन ने इसे एक बड़ी कामयाबी बताया है। इसकी टेस्टिंग पहले 28 जुलाई को होनी थी। 22 जुलाई को वायुसेना का कार्गो विमान एएच-32 लापता हो गया था। उसकी तलाश में इसरो के जुटने के कारण इसकी टेस्टिंग टालनी पड़ी थी।
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